Kitchen essential

Tuesday, 27 October 2020

Jupiter in FIRST HOUSE


 लाल किताब में ,पहले घर में बैठे बृहस्पति -को साधु कह कर जाना जाता है ,हम उसको राजगुरु भी कह सकते हैं और गद्दी वाला यानी बहुत इज्जत वाला साधु जातक की कुंडली में जो पहले घर में बृहस्पति हो तो ऐसे आदमी की जितनी शिक्षा ऊंची होती जाएगी उसके लिए  धन प्राप्ति के रास्ते भी उतने ही अच्छे होते हैं|  लेकिन यदि जातक की शिक्षा कम भी हो तो भी सम्मान प्राप्त होगा लाल किताब में  बा कमाल फकीर कहा (गरीब)  ऐसे व्यक्ति को पैसे की कमी तो होगी लेकिन फिर भी उसमें कोई ना कोई  हुनर जरुर होगा, जिससे वह इज्जत पाएगा| कुंडली में सातवां घर खाली हो तो ऐसे व्यक्ति की अच्छी हालात और किस्मत का उदय शादी हो जाने के बाद होगा|  यहां पर 28 साल की उम्र से पहले, या 24 में अथवा 27 साल में यदि जातक खुद अपनी शादी या आपने किसी खून के रिश्ते दार की शादी में अपनी कमाई से मकान बनाए या उसके नर औलाद पैदा हो जाए तो इसका असर उसके पिता की उम्र पर किसी न किसी रूप अशुभ असर दिखेगा| 

 बृहस्पति शुभ होने की हालत में जब मंगल सातवें घर में हो तो उससे प्रॉपर्टी का बहुत लाभ हो यदि ग्यारहवें घर अच्छा हो और उसमें कोई शुभ ग्रह हो तो व्यक्ति को औरत या गाय की सेवा से लाभ  प्राप्त होता है| यहां यह देख लेना जरूरी है कि यदि शनि पांचवें  या  9  वे  घर में हो तो वे स्वास्थ्य के लिए अच्छा फल नहीं देता| चंद्रमा ग्रह की हालत में हो तो ऐसे व्यक्ति की सुख भी बढ़ेंगे और आर्थिक स्थिति भी अच्छी होगी बृहस्पति के पक्के घर हैं (2,5,9, 12 ) इन घरों में बृहस्पति के शत्रु ग्रह अगर बृहस्पति के साथ बैठे हो तो बृहस्पति अपना असर देने में कमी लाता है|  बृहस्पति प्रथम भाव में हो तो आदमी की आर्थिक स्थिति अच्छी होती है यदि सूर्य  9 घर में हो और उसकी आयु के लिए अच्छा फल देगा |उम्र जैसे-जैसे बढ़ेगी खानदान में इस व्यक्ति की इज्जत भी बढ़ेगी और आयु के 27 वें साल में अपने पिता से या तो अलग हो जाता है या अपनी कमाई के कारण दूर रहने लगता है अगर कुंडली में चंद्रमा की स्थिति में हो तो व्यक्ति  यह बहुत अच्छी स्थिति में जीवन की आखिरी अवस्था में लोगों के लिए सन्यासी के तौर पर जिंदगी जीता है | शनि 5 में हो तो ऐसे जातक को जिसका बृहस्पति प्रथम भाव में है उसको 36 साल से पहले मकान नहीं बनाना चाहिए|




 दो ग्रहों का फल :-

बृहस्पति सूर्य प्रथम भाव में:- दोनों ग्रहों की युति  से जातक राजा या बहुत सम्मानित व्यक्ति होगा|  लेकिन ऐसी स्थिति में किसी लंबी बीमारी से मौत नहीं होगी अचानक से होगी जब भी हो|  ग्रहों पर शनि राहु ग्रहों की दृष्टि पड़ रही हो तो दोनों का फंदा हो जाए|  बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए अगर जातक अपने पिता के साथ ही रहे तो यह दोस्त दूर होगा|  ऐसे व्यक्ति को मुफ्त का माल लेना या देना दान दोनों ही अशुभ फल देंगे|  अगर पिता जीवित ना हो तो पिता के द्वारा इस्तेमाल की गई चादर या कोई कपड़ा अपने साथ रखने से भी अशुभ फल दूर हो|  घर में सोना या केसर रखने से भी इनके अशुभ असर दूर हो जाएंगे|

 बृहस्पति- चंद्रमा  प्रथम भाव में:-  पहले घर में पैसे के लिए शुभ और जातक अपनी कमाई खुद अच्छी  करेगा |  शिक्षा भी बहुत ऊंचे दर्जे की हो|

 बृहस्पति शुक्र प्रथम  भाव में:-  इन दोनों की युति को लाल किताब में दिखावे का धन कहा गया है पहले घर में दोनों हो तो ऐसा व्यक्ति तो कहीं पर भी इज्जत पा लेगा |लेकिन गृहस्ती  सुख में में औरत और पिता दोनों में से एक ही रहे ,यह नेक फल उस हालात में शुरू हो सकता है |बृहस्पति शुक्र जब प्रथम भाव में और इन पर राहु, बुध या किसी और अशुभ ग्रह की दृष्टि पड़ती हो तो इसका बुरा प्रभाव व्यक्ति पर होगा जातक निर्धन भाग्य का मालिक हो|

बृहस्पति- मंगल  प्रथम भाव में:-  जातक अमीर होगा अगर बुध में सातवें में हो तो दोनों के  फल जलकर नष्ट हो जाएंगे|  ना ही बृहस्पति और ना ही मंगल अब कोई शुभ फल दे पाएगा|

 बृहस्पति बुध प्रथम भाव :-  वैसे तो बृहस्पति और बुध शत्रु हैं लेकिन अगर प्रथम भाव में हो तो उसकी आर्थिक स्थिति काफी अच्छी होगी बशर्ते कि किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि ना पड़ रही हो बृहस्पति के पक्के घर में कोई भी अशुभ ग्रह ना बैठे हो|  ऐसे व्यक्ति के पिता को यह ससुर को सांस की तकलीफ हो सकती है या कुछ हालात में ऐसा व्यक्ति को नहीं ले पाएगा दृष्टि पड़ रही है  तो,  बुरे प्रभाव को सिर्फ बुध का उपाय करके ही दूर किया जा सकता है यानी बुध की चीजें दान कर देना जैसे साबुत मंदिर में देना|

बृहस्पति शनि प्रथम भाव में:-  जातक का साधु स्वभाव का यह गुरु जैसा होता है लेकिन अच्छी नहीं होती क्योंकि प्रथम भाव में हो जाता है और शनि कर्म का कारक है|

 बृहस्पति राहु प्रथम भाव में:-  प्रथम भाव में बृहस्पति और राहु का होना व्यक्ति को बहुत ज्यादा पैसे की कमी नहीं रहती तो दानी बनाता है अगर ऐसा जातक चाहिए गरीब घर में पैदा हुआ हो लेकिन उसको कमाई के रास्ते अपने आप मिल जाएंगे| अगर कोई अशुभ दृष्टि पड़ रही है तो 16 से 21 साल की उम्र के बीच में जातक के पिता को शांत आरोग्य जिसमें किसी ने किसी प्रकार की बीमारी होने की संभावना बनती है|  दूसरे व्यक्ति भी उसके साथ अच्छा बर्ताव नहीं करते अगर यहां पर यह दोनों ग्रह बुरा असर देर देने की निशानी हो|

 बृहस्पति केतु प्रथम भाव में:-  यह जीवन में हमेशा आराम देती है ऐसा व्यक्ति अगर किसी के भी साथ हो या कहीं पर भी कदम रखे तो वहां के लोग भी सुखी हो जाते हैं केतु की जड़ खाना नंबर 6  चंद्रमा  या मंगल हो या बृहस्पति की जड़ 2,5,9, 11,12 में शुक्र बुध राहु हो तो दोनों कर्म का फल नष्ट हो जाएगा|  ऐसी हालात में एक उपाय काम करेगा की मंदिर में पीले रंग के निंबू देना शुभ फल देगा|

JUPITER IN ALL HOUSES

Wednesday, 14 October 2020

Navratra pujaan




नवरात्रि के रंग है खास, धारण करके मां को प्रसन्न करें

 प्रतिपदा को पीला वस्त्र धारण करें

  द्वितीय को हरा रंग वस्त्र धारण करें

 कृपया को सलेटी रंग का वस्त्र धारण करें

 चतुर्थी को नारंगी रंग के वस्त्र धारण करके पूजा करें

 पंचमी को सफेद श्वेत रंग का वस्त्र धारण करें

   छठ में को लाल रंग का वस्त्र धारण करें

 सप्तमी को गहरा नीला जिसको इंडिगो भी कहते हैं धारण करें

 अष्टमी को गुलाबी रंग का वस्त्र धारण करें 

  नवमी को बैंगनी रंग का वस्त्र धारण करें 


 यह तो रंगों का साथ है जो हमें धारण करके मां को अर्पण करना है इसी के साथ नवरात्रि के नौ के 9 दिनों में हमें किस तरीके से मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए इसके ऊपर भी चर्चा करते हैं

 नवरात्रि के पहले दिन मां के चरणों में गाय का घी अर्पित करें ऐसा करने से मां तो प्रसन्न होती ही , हमें सभी रोगों से मुक्ति मिलती है

 नवरात्रि के दूसरे दिन मां को शक्कर का भोग लगाएं और घर के सभी सदस्यों में वह मिठाई बातें इससे घर में शांति और आयु बढ़ती है

 नवरात्रि के तीसरे दिन देवी भगवती को दूधिया खीर का भोग लगाएं और छोटे बच्चों के साथ पंडित को भी दान कर ऐसा करने से जीवन में सुख समृद्धि मिलती है

 नवरात्रि के चौथे दिन देवी मां को मालपुए या मीठा अनाज का कोई भोग बनाकर अर्पित करें और जो भी आपके आसपास जरूरतमंद हैं उनको भी खिलाएं ऐसा करने से आपकी बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है

 नवरात्रि के पांचवें दिन मां को केले का भोग अर्पित करें ऐसा करने से जातक में कोई भी आपदा आती है वह दूर होती है और शरीर निरोगी होता है

 नवरात्रि के छटे दिन मां भगवती को शहद का भोग लगाएं यह मान्यता है कि ऐसा करने से आप के सौंदर्य में वृद्धि होती है आकर्षण का भाव में बढ़ोतरी होती है

 नवरात्रि के साथ में देवी मां को गुड़ का भोग लगाएं जो कि मां को बहुत प्रिय है यह लोग जो जिनका कोई सहारा नहीं उनको जरूर दें और जो लोग अपंग याद दिव्यांग है उनमें बात ऐसा करने से ऐश्वर्य और वैभव की प्राप्ति होती है

 नवरात्रि के आठवें दिन माता भगवती को नारियल का भोग लगाकर वह नारियल दान कर दें ऐसा करने से संतान से जुड़ी भी कोई भी परेशानी हो उसमें आपको राहत मिलती है

 नवरात्रि के 9 दिन देवी मां को तिल का भोग लगाएं यानी तिल के लड्डू तिल से बनी हुई कोई मिठाई और उसका हिस्सा ब्राह्मण और किसी जरूरतमंद को जरूर दें ऐसा करने से आपके ऊपर आने वाले अकाल मृत्यु के संकट से छुटकारा मिलता है

 मां की पूजा करते समय मन और  आत्मा की शुद्धि करण करके सच्चे मन से मां दुर्गा के सभी मंत्रों का प्रत्येक दिन 11 बार उच्चारण करें और मां से और अपने पूर्वजों से माफी मांगी अगर कोई पूजा हवन करते समय त्रुटि रह जाए 


Saturday, 10 October 2020

What is effect of Lal kitab jyotish?


 LAL KITAB OR GRAH

चंद्र: सम्मानजनक की स्त्रियों को कष्ट देने जैसे, माता, नानी, दादी, सास और उनके पद के समान वाली स्त्रियों को कष्ट देने व किसी से द्वेष पूर्वक ली वस्तु के कारण चंद्रमा अशुभ फल देता हैI


 बुध: अपनी बहन अथवा बेटी को कष्ट देने और बुआ साली या मौसी को कष्ट देने से बुध अशुभ फल देता हैI इसी के साथ किन्नर या हिजड़े को कष्ट देने पर भी बुध अशुभ फल देता हैI





गुरु:  अपने पिता, दादा, नाना को कष्ट देने अथवा इनके जैसा सम्मानित व्यक्ति को कष्ट देने गए साधु संतों को कष्ट देने से गुरु अशुभ फल देता हैI


 सूर्य:  किसी का दिल दुखाने, किसी भी प्रकार की टैक्स चोरी करने, और किसी भी जीव की आत्मा को चोट पहुंचाने पर सूर्य अशुभ फल देता हैI



 शुक्र:  अपने जीवनसाथी को कष्ट देने,  किसी भी प्रकार के गंदे वस्त्र पहन ने,  घर में गंदे और फटे पुराने कपड़े रखने से शुक्र अशुभ फल देता हैI


मंगल : भाई से झगड़ा करने,  भाई के साथ धोखा करने से मंगल के अशुभ फल शुरू हो जाते हैंI  इसी के साथ अपनी पति या अपनी पत्नी के भाई यानी साला का अपमान करने पर भी मंगल अशुभ फल देता हैI


शनि:  ताऊ चाचा से झगड़ा करने और किसी भी मेहनत करने वाले व्यक्ति को कष्ट देने, ,अपशब्द कहने और इसी के साथ शराब, मांस खाने से शनिदेव अशुभ फल देते हैंI कुछ लोग मकान में दुकान किराए से लेने के बाद खाली नहीं करते अथवा उसके बदले पैसा मांगते हैं तो शनि अशुभ फल देने लगता है


 राहु:  राहु सांप का ही रूप है इसलिए सपेरे का दिल दुखाने से बड़े भाई को कष्ट देने से ननिहाल पक्ष वालों का या ससुराल पक्ष वालों का अपमान करने से या हाथी जानवर को या अपनी छत को सही कराने से या अपने घर के शौचालय की मरम्मत कराने से अगर राहु गलत घरों में बैठा हो तो अशुभ हो जाता है


 केतु:  भतीजे व भांजे का दिल दुखाने बेटे का दिल दुखाने या अपने घर में पाले हुए कुत्ते का दिल दुखाने पर या उनका हक छीनने पर केतु अशुभ फल देता है कुत्ते को मारने या किसी के द्वारा मरवाने पर भी केतु अशुभ फल देता है मंदिर को तोड़ने या मंदिर की जो झंडा होता है उसको नष्ट करने पर भी अशुभ होता है किसी से धोखा करने या किसी की झूठी गवाही देने पर भी राहु और केतु दोनों अशुभ फल देते हैंI


अतः मनुष्य को अपना जीवन  व्यवस्थित जीना चाहिए किसी को कष्ट या छल कपट द्वारा अपनी रोजी-रोटी नहीं चलानी चाहिएI किसी भी प्राणी को अपने अधीन नहीं समझना चाहिए जिससे हमारी कुंडली के ग्रह हमें अशुभ फल दे और हमें कष्ट सहना पड़े 

JUPITER IN SECOND HOUSE

JUPITER IF IN H.No.-2,5,6,9,11  House Number               EFFECTS  House no.2                 Place of religious worship and sermon.The nat...