कुदरत से किस्मत किस तरह आई?
लाल किताब फरमाए यूँ, अक्ल लेख (भाग्य) से लड़ती क्योँ |
जबकि न गिला तदबीर (युक्ति, प्रयास, यत्न, कर्म पर भरोसा करना) अपनी,
न ही खुद तहरीर (लेख) हो ,सबसे उत्तम लेख गैबी (ईश्वर का लिखा),
माथे की तक़दीर हो |
How did luck come from nature?
1) हुक्म विधाता जन्म मिले तो लेख ज्योतिष बतलाता है
लाल किताब बच्चा ग्रह चाली, किस्मत साथ ले आता है |
2) इस बच्चे की नन्ही मुट्ठी में, पकड़ा देव आकाश का है
भरा खजाना जिसके अंदर, निधि सिद्धि की माला है |
3) नौ निधि को ग्रह 9 माना, सिद्धि 12 राशि है
9 में जब गुणा 12 करते, होती पूरी माला है (108)
जब बच्चा पैदा होता है तो उसकी मुट्ठी बंद होती है जिसे वह अमूमन बंद ही रखता है
और आसानी से किसी दूसरे को अपने हाथ की हथेली नहीं देखने देता |
बचपन में वह अपना कुदरती भेद छोटी सी बंद मुट्ठी में छुपाता है
यानि अपना भाग्य किसी दूसरे को दिखाना नहीं चाहता |
ग्रह चाली बच्चा आसमान और पाताल से घिरे हुए आकाश में
दोनों जहान (यह संसार और गैबी संसार) और दोनों अवस्था (जन्म और मृत्यु)
की हवा (गुरु) को गाँठ लगा देने वाली चीज बच्चा ग्रह चाली कहलाई |
यानि बच्चा पैदा होता है ईश्वर की दो हुई एक निश्चित किस्मत,
भाग्य के साथ और पैदा होने के दिन से मृत्यु का समय भी निश्चित होता है |
12 राशियाँ और 9 ग्रह को गुणा करा या 27 नक्षत्र
और उनके चार-चार चरण को गुणा करा तो आया 108
जो कि हमारा पूरा zodiac है
इसीलिए पूजा करने वाली माला में 108 मनके होते है
और एक सुमेरु माला जपने के लिए |
यही 108 सब के भाग्य की नीँव है |
सिर्फ खाली जगह (बुध) जिसका दूसरा नाम आकाश है और उसमे हवा (गुरु) भरपूर है |