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Friday, 4 June 2021

How did luck come from nature?









कुदरत से किस्मत किस तरह आई?

लाल किताब फरमाए यूँ, अक्ल लेख (भाग्य) से लड़ती क्योँ | 

जबकि न गिला तदबीर (युक्ति,  प्रयास, यत्न, कर्म पर भरोसा करना) अपनी, 

न ही खुद तहरीर (लेख) हो ,सबसे उत्तम लेख गैबी (ईश्वर का लिखा),

माथे की तक़दीर हो |  


How did luck come from nature?

1) हुक्म विधाता जन्म मिले तो लेख ज्योतिष बतलाता है

    लाल किताब बच्चा ग्रह चाली, किस्मत साथ ले आता है |


2) इस बच्चे की नन्ही मुट्ठी में, पकड़ा देव आकाश का है

   भरा खजाना जिसके अंदर, निधि सिद्धि की माला है |


3) नौ निधि को ग्रह 9 माना, सिद्धि 12 राशि है

     9 में जब गुणा 12 करते, होती पूरी माला है (108)

जब बच्चा पैदा होता है तो उसकी मुट्ठी बंद होती है जिसे वह अमूमन बंद ही रखता है

और आसानी से किसी दूसरे को अपने हाथ की हथेली नहीं देखने देता |

बचपन में वह अपना कुदरती भेद छोटी सी बंद मुट्ठी में छुपाता है

यानि अपना भाग्य किसी दूसरे को दिखाना नहीं चाहता |


ग्रह चाली बच्चा आसमान और पाताल से घिरे हुए आकाश में

दोनों जहान (यह संसार और गैबी संसार) और दोनों अवस्था (जन्म और मृत्यु)

की हवा (गुरु) को गाँठ लगा देने वाली चीज बच्चा ग्रह चाली कहलाई |

यानि  बच्चा पैदा होता है ईश्वर की दो हुई एक निश्चित किस्मत,

भाग्य के साथ और पैदा होने के दिन से मृत्यु का समय भी निश्चित होता है |   


12 राशियाँ और 9 ग्रह को गुणा करा या 27 नक्षत्र

और उनके चार-चार चरण को गुणा करा तो आया 108

जो कि हमारा पूरा zodiac है

इसीलिए पूजा करने वाली माला में 108 मनके होते है

और एक सुमेरु माला जपने के लिए |

यही 108 सब के भाग्य की नीँव है |


सिर्फ खाली जगह (बुध) जिसका दूसरा नाम आकाश है और उसमे हवा (गुरु) भरपूर है |

Saturday, 15 May 2021

दो ग्रहों का फल पहले घर में बृहस्पति



https://youtu.be/LL6B-cqjUGk


 दो ग्रहों का फल :-

बृहस्पति सूर्य प्रथम भाव में:- दोनों ग्रहों की युति  से जातक राजा या बहुत सम्मानित व्यक्ति होगा|  लेकिन ऐसी स्थिति में किसी लंबी बीमारी से मौत नहीं होगी अचानक से होगी जब भी हो|  ग्रहों पर शनि राहु ग्रहों की दृष्टि पड़ रही हो तो दोनों का फंदा हो जाए|  बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए अगर जातक अपने पिता के साथ ही रहे तो यह दोस्त दूर होगा|  ऐसे व्यक्ति को मुफ्त का माल लेना या देना दान दोनों ही अशुभ फल देंगे|  अगर पिता जीवित ना हो तो पिता के द्वारा इस्तेमाल की गई चादर या कोई कपड़ा अपने साथ रखने से भी अशुभ फल दूर हो|  घर में सोना या केसर रखने से भी इनके अशुभ असर दूर हो जाएंगे|

 बृहस्पति- चंद्रमा  प्रथम भाव में:-  पहले घर में पैसे के लिए शुभ और जातक अपनी कमाई खुद अच्छी  करेगा |  शिक्षा भी बहुत ऊंचे दर्जे की हो|

 बृहस्पति शुक्र प्रथम  भाव में:-  इन दोनों की युति को लाल किताब में दिखावे का धन कहा गया है पहले घर में दोनों हो तो ऐसा व्यक्ति तो कहीं पर भी इज्जत पा लेगा |लेकिन गृहस्ती  सुख में में औरत और पिता दोनों में से एक ही रहे ,यह नेक फल उस हालात में शुरू हो सकता है |बृहस्पति शुक्र जब प्रथम भाव में और इन पर राहु, बुध या किसी और अशुभ ग्रह की दृष्टि पड़ती हो तो इसका बुरा प्रभाव व्यक्ति पर होगा जातक निर्धन भाग्य का मालिक हो|


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बृहस्पति- मंगल  प्रथम भाव में:-  जातक अमीर होगा अगर बुध में सातवें में हो तो दोनों के  फल जलकर नष्ट हो जाएंगे|  ना ही बृहस्पति और ना ही मंगल अब कोई शुभ फल दे पाएगा|

 बृहस्पति बुध प्रथम भाव :-  वैसे तो बृहस्पति और बुध शत्रु हैं लेकिन अगर प्रथम भाव में हो तो उसकी आर्थिक स्थिति काफी अच्छी होगी बशर्ते कि किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि ना पड़ रही हो बृहस्पति के पक्के घर में कोई भी अशुभ ग्रह ना बैठे हो|  ऐसे व्यक्ति के पिता को यह ससुर को सांस की तकलीफ हो सकती है या कुछ हालात में ऐसा व्यक्ति को नहीं ले पाएगा दृष्टि पड़ रही है  तो,  बुरे प्रभाव को सिर्फ बुध का उपाय करके ही दूर किया जा सकता है यानी बुध की चीजें दान कर देना जैसे साबुत मंदिर में देना|

बृहस्पति शनि प्रथम भाव में:-  जातक का साधु स्वभाव का यह गुरु जैसा होता है लेकिन अच्छी नहीं होती क्योंकि प्रथम भाव में हो जाता है और शनि कर्म का कारक है|

 बृहस्पति राहु प्रथम भाव में:-  प्रथम भाव में बृहस्पति और राहु का होना व्यक्ति को बहुत ज्यादा पैसे की कमी नहीं रहती तो दानी बनाता है अगर ऐसा जातक चाहिए गरीब घर में पैदा हुआ हो लेकिन उसको कमाई के रास्ते अपने आप मिल जाएंगे| अगर कोई अशुभ दृष्टि पड़ रही है तो 16 से 21 साल की उम्र के बीच में जातक के पिता को शांत आरोग्य जिसमें किसी ने किसी प्रकार की बीमारी होने की संभावना बनती है|  दूसरे व्यक्ति भी उसके साथ अच्छा बर्ताव नहीं करते अगर यहां पर यह दोनों ग्रह बुरा असर देर देने की निशानी हो|

 बृहस्पति केतु प्रथम भाव में:-  यह जीवन में हमेशा आराम देती है ऐसा व्यक्ति अगर किसी के भी साथ हो या कहीं पर भी कदम रखे तो वहां के लोग भी सुखी हो जाते हैं केतु की जड़ खाना नंबर 6  चंद्रमा  या मंगल हो या बृहस्पति की जड़ 2,5,9, 11,12 में शुक्र बुध राहु हो तो दोनों कर्म का फल नष्ट हो जाएगा|  ऐसी हालात में एक उपाय काम करेगा की मंदिर में पीले रंग के निंबू देना शुभ फल देगा|

JUPITER IN SECOND HOUSE

JUPITER IF IN H.No.-2,5,6,9,11  House Number               EFFECTS  House no.2                 Place of religious worship and sermon.The nat...