नवरात्रि के रंग है खास, धारण करके मां को प्रसन्न करें
प्रतिपदा को पीला वस्त्र धारण करें
द्वितीय को हरा रंग वस्त्र धारण करें
कृपया को सलेटी रंग का वस्त्र धारण करें
चतुर्थी को नारंगी रंग के वस्त्र धारण करके पूजा करें
पंचमी को सफेद श्वेत रंग का वस्त्र धारण करें
छठ में को लाल रंग का वस्त्र धारण करें
सप्तमी को गहरा नीला जिसको इंडिगो भी कहते हैं धारण करें
अष्टमी को गुलाबी रंग का वस्त्र धारण करें
नवमी को बैंगनी रंग का वस्त्र धारण करें
यह तो रंगों का साथ है जो हमें धारण करके मां को अर्पण करना है इसी के साथ नवरात्रि के नौ के 9 दिनों में हमें किस तरीके से मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए इसके ऊपर भी चर्चा करते हैं
नवरात्रि के पहले दिन मां के चरणों में गाय का घी अर्पित करें ऐसा करने से मां तो प्रसन्न होती ही , हमें सभी रोगों से मुक्ति मिलती है
नवरात्रि के दूसरे दिन मां को शक्कर का भोग लगाएं और घर के सभी सदस्यों में वह मिठाई बातें इससे घर में शांति और आयु बढ़ती है
नवरात्रि के तीसरे दिन देवी भगवती को दूधिया खीर का भोग लगाएं और छोटे बच्चों के साथ पंडित को भी दान कर ऐसा करने से जीवन में सुख समृद्धि मिलती है
नवरात्रि के चौथे दिन देवी मां को मालपुए या मीठा अनाज का कोई भोग बनाकर अर्पित करें और जो भी आपके आसपास जरूरतमंद हैं उनको भी खिलाएं ऐसा करने से आपकी बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है
नवरात्रि के पांचवें दिन मां को केले का भोग अर्पित करें ऐसा करने से जातक में कोई भी आपदा आती है वह दूर होती है और शरीर निरोगी होता है
नवरात्रि के छटे दिन मां भगवती को शहद का भोग लगाएं यह मान्यता है कि ऐसा करने से आप के सौंदर्य में वृद्धि होती है आकर्षण का भाव में बढ़ोतरी होती है
नवरात्रि के साथ में देवी मां को गुड़ का भोग लगाएं जो कि मां को बहुत प्रिय है यह लोग जो जिनका कोई सहारा नहीं उनको जरूर दें और जो लोग अपंग याद दिव्यांग है उनमें बात ऐसा करने से ऐश्वर्य और वैभव की प्राप्ति होती है
नवरात्रि के आठवें दिन माता भगवती को नारियल का भोग लगाकर वह नारियल दान कर दें ऐसा करने से संतान से जुड़ी भी कोई भी परेशानी हो उसमें आपको राहत मिलती है
नवरात्रि के 9 दिन देवी मां को तिल का भोग लगाएं यानी तिल के लड्डू तिल से बनी हुई कोई मिठाई और उसका हिस्सा ब्राह्मण और किसी जरूरतमंद को जरूर दें ऐसा करने से आपके ऊपर आने वाले अकाल मृत्यु के संकट से छुटकारा मिलता है
मां की पूजा करते समय मन और आत्मा की शुद्धि करण करके सच्चे मन से मां दुर्गा के सभी मंत्रों का प्रत्येक दिन 11 बार उच्चारण करें और मां से और अपने पूर्वजों से माफी मांगी अगर कोई पूजा हवन करते समय त्रुटि रह जाए
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