लाल किताब पंचायत पाँच ग्रह इक्क्ठे
सबसे उत्तम पंचायत वो है जिसमे बुध शामिल न हो, मगर राहु/केतु में से कोई एक जरूर शामिल हो |
1) नर ग्रह, स्त्री ग्रह मय (सहित) पापी ग्रह (सिवाय बुध) मुश्तरका की पंचायत हो तो किस्मत का धनी, हुक्मरान, साहिबे औलाद दर औलाद, दौलत व गृहस्थी सुख सागर उम्दा और लम्बा | उम्र लम्बी होगी | खुद ख़्वाह अक्ल का अँधा व मिटटी का माधो ही क्यों न हो |
2) गुरु + सूर्य + शुक्र + बुध + शनि की पंचायत हो तो
*खाना नंबर 1 से 6 में उत्तम फल नेक असर होगा |
*खाना नंबर 7 से 12 में हो तो ऊपर लिखा 1) का दिया असर होगा मगर खुद साख्ता (बना) अमीर होगा | और डरते-डरते दरिया पार कर जाने वाले तैराक की तरह दुनिया में आसूदा (खुशहाल, सुखी, संतुष्ट) होगा |
3) पंचायत (कोई भी पांच ग्रह) का असर हर हालत में उत्तम और नेक ही होगा | अगर ऐसा शख्स पांचो ही (कुल ज़माने के) ऐब का मालिक भी हो जाए तो भी औरो से उम्दा व उम्दा होगा |
अगर पंचायत में कोई भी पापी ग्रह (शनि-राहु-केतु) शामिल न हो और टेवे वाला खुद भी पाप न करने वाला हो तो ऐसी पंचायत का कोई फायदा न होगा | मतलब यह है कि या तो पांचो में पापी जरूर हो या फिर वो प्राणी खुद शरारती और पापी हो तो पंचायत के ग्रह उत्तम फल देंगे वरना उसकी आँखों के सामने उसका घर कई दफा लुटता होगा | धर्मी रहते हुए पापी ग्रहो की आशिया लोगो को मुफ्त तकसीम करना मुबारिक फल पैदा करेगा | मसलन राहु, केतु की मुतल्लका आशिया, जौ अनाज की बनी हुई चीजे, नारियल की खैरात, खट्टी चीजे, शनि की आशिया साबुत बादाम, शराब, सिगरेट, हुक्का या नशे की चीजे |
तमाम ग्रह इक्क्ठे
राहु या केतु में से कोई एक पहले या बाद के घरों में बैठा होने के सबब से बाहर रह जाता है | मगर दृष्टि के द्वारा अपना असर दुसरो में मिला देने के असूल की वजह से वो भी तमाम ग्रहो में मिला हुआ ही समझा जाएगा | इस तरह जब राहु पहले घरो में हो और बाकी सब बाद के घरों में बैठे हो तो राजयोग होगा | और खासकर जब इक्क्ठे हो रहे हो:-
खाना नंबर 2 : हुक्मरान होगा
खाना नंबर 3 : मिसल राजा साहिबे इकबाल होगा |
खाना नंबर 8: हुक्मरान साहिबे इकबाल मगर सिर्फ अपने आप को ही बढ़ाता होगा |
खाना नंबर 9: हुक्मरान, साथियों को बढाकर खुद बढ़ता होगा |
पाँव की पांचो उँगलियाँ बाहम बराबर या लम्बी हो तो खुशहाल हुक्मरान
जब एक दूसरी दर्जा ब दर्जा बड़ी होती जाएं तो साहिबे औलाद दर औलाद होगा |
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